मन की सूनी दीवारों पर,
मन की सूनी दीवारों पर,
धुंधली इक तस्वीर लगी है
धूल अना की चढ़ी,
कड़वाहट की जंग लगी है
बहते मेरे अश्कों में
तुम्ही नज़र आते हो
एहसासों के हर धागे में
तुम्हीं पिरोए जाते हो
मेरे गीतों के हर लफ्ज में
तस्वीर तुम्हारी सजती है
यूँ तो तुम साथ नहीं
साथ हमेशा रहती हो
हिमांशु Kulshrestha