Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2024 · 1 min read

मन की बुलंद

मन की बुलंद( शीर्षक)

मरकर भी जीने की, चाह है तुझमें,
तो मैं बताती हूं कि क्या नाज है तुझमें।

खुद को कभी किसी से ,गिरा मत समझना,
कितनी भी अटकलें हो राह में ,पीछे मत हटना।

इस जग में तुझे तब तक ,देखना नहीं है,
जब तक तू खुद को ,दिखाने लायक नहीं होता।

जिन लोगों का आज तुझ पर, ध्यान नहीं है,
विश्वास नहीं है ,सम्मान नहीं है।

दिखा दे उनको कि तू क्या चीज है,
जिंदगी में ज्ञान एक ,ऐसी ताबीज है।

मन भी प्रसन्न हो व दिशा की खोज हो,
हाथों में जिंदगी की ,वह दिव्य ज्योति हो।

उस ज्योति में जलकर ,खुद को निखार लेना,
ले दिव्य चक्षु को, नौका पार कर लेना।

जब भी जिंदगी में परिस्थितियों की, हड़कंप मच जाए ,
उस वीरांगना लक्ष्मीबाई को, तू याद कर लेना।

ले हौसले बुलंद ,कर्म को पूरा कर,
बदलेगी जिंदगी एक दिन ,समय पूरा कर।

1 Like · 106 Views

You may also like these posts

आपस में अब द्वंद है, मिलते नहीं स्वभाव।
आपस में अब द्वंद है, मिलते नहीं स्वभाव।
Manoj Mahato
सारा जीवन बीत गया
सारा जीवन बीत गया
Abhishek Kumar Dubey
" रिवायत "
Dr. Kishan tandon kranti
Dilemmas can sometimes be as perfect as perfectly you dwell
Dilemmas can sometimes be as perfect as perfectly you dwell
Chaahat
अंधेरे में छिपे उजाले हो
अंधेरे में छिपे उजाले हो
नूरफातिमा खातून नूरी
बारह ज्योतिर्लिंग
बारह ज्योतिर्लिंग
सत्य कुमार प्रेमी
प्यार ही ईश्वर है
प्यार ही ईश्वर है
Rambali Mishra
उसने  कहा जो कुछ  तो   पहले वो
उसने कहा जो कुछ तो पहले वो
shabina. Naaz
अपनों को दे फायदा ,
अपनों को दे फायदा ,
sushil sarna
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr. Priya Gupta
करके  जो  गुनाहों  को
करके जो गुनाहों को
Dr fauzia Naseem shad
#अपनाएं_ये_हथकंडे...
#अपनाएं_ये_हथकंडे...
*प्रणय*
बढ़ता उम्र घटता आयु
बढ़ता उम्र घटता आयु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
शोषण (ललितपद छंद)
शोषण (ललितपद छंद)
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
प्रलोभन
प्रलोभन
Rajesh Kumar Kaurav
पिया बिन सावन की बात क्या करें
पिया बिन सावन की बात क्या करें
Devesh Bharadwaj
“चिट्ठी ना कोई संदेश”
“चिट्ठी ना कोई संदेश”
DrLakshman Jha Parimal
दो जूते।
दो जूते।
Kumar Kalhans
काल भैरव की उत्पत्ति के पीछे एक पौराणिक कथा भी मिलती है. कहा
काल भैरव की उत्पत्ति के पीछे एक पौराणिक कथा भी मिलती है. कहा
Shashi kala vyas
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
कवि दीपक बवेजा
प्रार्थना नहीं करूंगा मैं
प्रार्थना नहीं करूंगा मैं
Harinarayan Tanha
किसी वस्तु की कीमत किसी व्यक्ति को तब समझ में आती है जब वो उ
किसी वस्तु की कीमत किसी व्यक्ति को तब समझ में आती है जब वो उ
Rj Anand Prajapati
संवाद
संवाद
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
सुखराम दास जी के कुंडलिये
सुखराम दास जी के कुंडलिये
रेवन्त राम सुथार
शूद्र नहीं, हम शुद्ध हैं
शूद्र नहीं, हम शुद्ध हैं
Shekhar Chandra Mitra
गहराई
गहराई
Kanchan Advaita
क्या बनाऊँ आज मैं खाना
क्या बनाऊँ आज मैं खाना
उमा झा
3056.*पूर्णिका*
3056.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िम्मेदार कौन है??
ज़िम्मेदार कौन है??
Sonam Puneet Dubey
प्रकृति की पुकार
प्रकृति की पुकार
AMRESH KUMAR VERMA
Loading...