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19 Aug 2020 · 1 min read

मन की आंखें

मंन की आंखें खोल जरा, अनदेखा दिख जाएगा
अंधकार के आगे चल, प्रकाश बहीं पा जाएगा
अनवरत नेक राहों पर चल, मंजिल सुलभ बनाएगा
मुश्किल से न डर, लड़ उनसे, लक्ष को सुगम बनाएगा
मोड़ कई आएंगे पथ में, रस्ते होंगे टेढ़े मेढ़े
उद्देश्य सही है गर तेरा, राह सही पा जाएगा
मन की आंखें खोल जरा, अनदेखा दिख जाएगा

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
9 Likes · 6 Comments · 268 Views
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