Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

मन का गीत

निज अन्तर्मन के भावों को, जबसे मैंने उन्मुक्त किया ।
संवेदनशील विचारों ने,
फिर ग्रंथ नया – सा रच डाला ।।

अभिलाषाओं का बोझ लिए ,
फिरता निश – दिन मारा-मारा।
पीड़ाओं के दावानल में , जलता यह तन हारा-हारा ।
इस जीवन के चक्रव्यूह को, भेदना जटिल था प्रश्न मगर –
अनुभव के सागर को मथकर ,
उत्तर इसका खोज निकाला ।।

मुझे भान कब औरों का बस ,
अपने सपनों में खोया था ।
चलता , थकता , गिरता दिन भर ,
औ ‘ रात-रात भर सोया था ।
शैय्या त्याग सुखों की जबसे, कर्म मार्ग पर चला अकेला –
अंतर्द्वन्द्व मिटा मन का सब , निजता का फिर टूटा ताला ।।

अवरोधों से लड़कर जाना , जीवन इतना सरल नहीं है।
समता और विषमता प्रतिपल ,
जग में कुछ भी अटल नहीं है ।
कालखण्ड के शिलालेख पर कलम सदा मूल्यांकन करती –
जन्म-मरण के मध्य छिपा है, जीवन का विस्तार निराला ।।

✍️ अरविन्द त्रिवेदी
महम्मदाबाद
उन्नाव उ० प्र०

2 Likes · 72 Views
Books from Arvind trivedi
View all

You may also like these posts

हमारी संस्कृति
हमारी संस्कृति
indu parashar
शीर्षक - नागपंचमी....... एक प्रथा
शीर्षक - नागपंचमी....... एक प्रथा
Neeraj Agarwal
बात हद  से बढ़ानी नहीं चाहिए
बात हद से बढ़ानी नहीं चाहिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कितना और बदलूं खुद को
कितना और बदलूं खुद को
इंजी. संजय श्रीवास्तव
घर एक मंदिर🌷🙏
घर एक मंदिर🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हार का प्रमुख कारण मन का शरीर से कनेक्शन टूट जाना है।
हार का प्रमुख कारण मन का शरीर से कनेक्शन टूट जाना है।
Rj Anand Prajapati
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
Phool gufran
नसीबों का खेल है प्यार
नसीबों का खेल है प्यार
Shekhar Chandra Mitra
'भारत के लाल'
'भारत के लाल'
Godambari Negi
कुंडलियां
कुंडलियां
seema sharma
4684.*पूर्णिका*
4684.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समुद्र से गहरे एहसास होते हैं
समुद्र से गहरे एहसास होते हैं
Harminder Kaur
अपनों से वक्त
अपनों से वक्त
Dr.sima
सती सुलोचना
सती सुलोचना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*आई भादों अष्टमी, कृष्ण पक्ष की रात (कुंडलिया)*
*आई भादों अष्टमी, कृष्ण पक्ष की रात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कुपमंडुक
कुपमंडुक
Rajeev Dutta
स्वभाव
स्वभाव
अखिलेश 'अखिल'
कितने अकेले हो गए हैं हम साथ रह कर
कितने अकेले हो गए हैं हम साथ रह कर
Saumyakashi
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
😊आज श्रम दिवस पर😊
😊आज श्रम दिवस पर😊
*प्रणय*
🌹🌻🌹🌻🌹🌻🌹
🌹🌻🌹🌻🌹🌻🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
खुशामद की राह छोड़कर,
खुशामद की राह छोड़कर,
Ajit Kumar "Karn"
तराना
तराना
Mamta Rani
बचपन का किस्सा
बचपन का किस्सा
Shutisha Rajput
त्योहारी मौसम
त्योहारी मौसम
Sudhir srivastava
मित्र का प्यार
मित्र का प्यार
Rambali Mishra
ठाट-बाट
ठाट-बाट
surenderpal vaidya
दिल के फ़साने -ग़ज़ल
दिल के फ़साने -ग़ज़ल
Dr Mukesh 'Aseemit'
कोई विरला ही बुद्ध बनता है
कोई विरला ही बुद्ध बनता है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
"कभी-कभी"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...