“मनोकामना”
रूप, देही के चाहे ,ऊ वासना हवे,
मन से मन के मिलन त$ उपासना हवे।
तन मिले न मिले कौनो चिन्ता नाहीं,
रहे मनवे से प्रेम, हमार कामना हवे।।
चाँद जइसन बा चेहरा,ई चमकत भले,
एक दिन एहू के रंगत उतरबे करी।
बात कहीले सांचे ई मानी सभे,
जे चढ़ल बा गगन पर ऊ ढलबे करि।।
बिना सोचे, बुझे जे बढ़ाई कदम,
जाके खाई में कबो ऊ गिरबे करी ।
गुरु, माता, पिता के जे कहल करे,
ओकर जीवन त$ सही में साधना हवे
तन मिले न मिले……..
राह चलत ना केहू से सोहबत करीं,
बिना बुझले ना कबो मोहब्बत करीं।
प्यार ह$ कवनो पुतरी के खेला नाहीं,
जो होखे कबो त$, निभावल करीं।।
बात तनिको अगर जो बुझाईल होखे
त$ पूरण हमार मनोकामना हवे
तन मिले न मिले… ……