Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

मनुष्य

आज ऐसा कुछ करो कि सत्य की विजय हो
ना मन में शंका-संशय ना मृत्यु का भय हो।
पग थमे ना आज तेरे तू हो केवल अग्रसर
तेरी वाणी की दहाड़ से आज एक प्रलय हो।
हो अचम्भा सबके मन में सहसा यह हुआ क्या
तेरे पदचिह्नों पे चलना सबका ही निर्णय हो।
वारि के भाँति तू बहे दिनकर सा तेरा तेज हो
तू लड़े जब भी समर उसमे सदैव अजय हो।
हो अमावस भी यदि तेरे मुख पे किन्तु कौमुदी
तेरे पौरूष को देखकर स्तब्ध यह समय हो।
मित्र क्या तू शत्रुओं को भी अपेक्षित मान दे
सर्वदा सिद्धांतों पे अडिग तेरा ह्रदय हो।
मृत्यु भी तेरे देह से जब जब आए लिपटने को
तेरे साहस को देखके उसको भी विस्मय हो।
तू काम क्रोध लोभ मोह दम्भ से परे रहे
प्रतिष्ठा व आदर्श तेरे चिंतन के विषय हो।
मनुष्य रूप में जना गया है तो मनुष्य बन
वह ही मनुष्य है जिसे मनुष्य से प्रणय हो।

जॉनी अहमद क़ैस

Language: Hindi
71 Views

You may also like these posts

बेनाम रिश्ते
बेनाम रिश्ते
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपनी शान के लिए माँ-बाप, बच्चों से ऐसा क्यों करते हैं
अपनी शान के लिए माँ-बाप, बच्चों से ऐसा क्यों करते हैं
gurudeenverma198
?????
?????
शेखर सिंह
बातों - बातों में छिड़ी,
बातों - बातों में छिड़ी,
sushil sarna
"रस्सी"
Dr. Kishan tandon kranti
भक्ति गीत (जय शिव शंकर)
भक्ति गीत (जय शिव शंकर)
Arghyadeep Chakraborty
*तीरथ-यात्रा तो मन से है, पर तन का स्वास्थ्य जरूरी है (राधेश
*तीरथ-यात्रा तो मन से है, पर तन का स्वास्थ्य जरूरी है (राधेश
Ravi Prakash
*यह  ज़िंदगी  नही सरल है*
*यह ज़िंदगी नही सरल है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माता पिता के श्री चरणों में बारंबार प्रणाम है
माता पिता के श्री चरणों में बारंबार प्रणाम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विश्वासघात की लपटें इतनी तेज़ होती हैं।
विश्वासघात की लपटें इतनी तेज़ होती हैं।
लक्ष्मी सिंह
हर एक चेहरा निहारता
हर एक चेहरा निहारता
goutam shaw
तुम्हारे ओंठ हिलते हैं
तुम्हारे ओंठ हिलते हैं
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
हनुमान जी वंदना ।। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो ।।
हनुमान जी वंदना ।। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो ।।
Kuldeep mishra (KD)
इस दुनिया में सिर्फ मोबाइल को ही पता होता है उसका मालिक का क
इस दुनिया में सिर्फ मोबाइल को ही पता होता है उसका मालिक का क
Ranjeet kumar patre
पुरुषोत्तम
पुरुषोत्तम
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
बेटी दिवस पर
बेटी दिवस पर
डॉ.सीमा अग्रवाल
वक्त लगता है
वक्त लगता है
Vandna Thakur
*भारत नेपाल सम्बन्ध*
*भारत नेपाल सम्बन्ध*
Dushyant Kumar
रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर
रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
कृष्णकांत गुर्जर
दोहा
दोहा
*प्रणय*
चराचर के स्वामी मेरे राम हैं,
चराचर के स्वामी मेरे राम हैं,
Anamika Tiwari 'annpurna '
आसमान - घौंसला !
आसमान - घौंसला !
पूर्वार्थ
खालीपन क्या होता है?कोई मां से पूछे
खालीपन क्या होता है?कोई मां से पूछे
Shakuntla Shaku
Don't Give Up..
Don't Give Up..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गंगा
गंगा
MUSKAAN YADAV
जीवन
जीवन
पंकज परिंदा
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
Kanchan Khanna
उफ ये सादगी तुम्हारी।
उफ ये सादगी तुम्हारी।
Taj Mohammad
कानून अपना काम करेगा
कानून अपना काम करेगा
Khajan Singh Nain
Loading...