मनुआ ले ले प्रभु का नाम
मनुआ ले ले प्रभु का नाम,
सुनो जी, लेलो प्रभु का नाम l
निस्पृह हो कर तू गाये जा,
क्या सुबह, क्या शाम l
अंधे देखत, बधिर सुनत हैं,
पंगु यहाँ गिरिराज चढत हैं l
उसका दामन थाम l
जाने कितने असुर संहारे,
रावण, मेघनाद तक मारे l
पहुंचाये सुरधाम l
अंहकार को ही तुम त्यागो,
आलस, निद्रा से तुम जागो l
भज ले आठों याम l
प्रभु का नाम बहुत गुणकारी,
उसका नाम सदा हितकारी l
सबका दाता राम l
पुष्प समर्पित ही कर पाओ,
प्रेम सहित बस भोग लगाओ l
वे शवरी के राम l
मेरा मन दर्शन को तरसे,
प्रेम मग्न हो आँसू बरसे l
बन जा राम गुलाम l
राम सदा हैं सुख के दाता,
जो भी शरणागत हो जाता l
भज ले सीताराम l
निस्पृह हो कर तू गाये जा,
क्या सुबह क्या शाम l