मना लेना बेटी दिवाली
कविता :- 8(43) हिन्दी
-: मना लेना बेटी दिवाली । :-
पापा तुम आओगे न दिवाली में ,
बताओ न किस रेलगाड़ी में ।
मैं इंतजार करती रहूंगी घर से बाड़ी में ,
जरूर लेकर आना पटाख़ा पापा दिवाली में ।।
हां बेटी तुम्हारी पटाखा चुड़ -चुरी जरूर पहुंचेगी दिवाली में ,
हम नहीं आयेंगे, छुट्टी नहीं हुई, और सीट न मिली गाड़ी में ।
हंसी-खुशी से बेटी दिये की रोशन से दिवाली मनाना
तू ही है मेरी लक्ष्मी जो बनकर आयी है नारी में ,
डाकिया के पहुंचते ही बस्ता खोल लेना तुम्हारे लिए सौ रुपये भेजा हूं बेटी छिपाकर मां की साड़ी में ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
06-11-2018 मंगलवार 00:34 कविता :-8(43)
intex से है :-8(043) 1 Readme मो :-6290640716
19-05-2020 मंगलवार कविता :- 16(36)
पटुआ पाड़ा सुभाष अंक्ल पर है
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