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29 May 2024 · 1 min read

“मनमीत मेरे तुम हो”

मनमीत मेरे तुम हो
जीवन गीत तुम हो
मैं आशा का सागर
और लहर तुम हो

मनमीत मेरे तुम हो
जीवन प्रीत तुम हो
मैं गाँव की गली
और शहर तुम हो

मनमीत मेरे तुम हो
जीवन संगीत तुम हो
मैं भटका मुशाफ़िर हूँ
और ठौर ठहर तुम हो

मनमीत मेरे तुम हो
जीवन रीत तुम हो
मैं एक शौख ग़ज़ल हूँ
और उसकी बहर तुम हो

_©ठाकुर प्रतापसिंह “राणाजी”
सनावद (मध्यप्रदेश)

Language: Hindi
32 Views
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