मनभावन होली
बासंती माधुर्य दृष्टि का दूसरा नाम है होली।
तन मन को रंगने का त्यौहार है होली।।
एकता अखंडता का सार्वभौमिक उत्सव है होली।
प्रेम ,दोस्ती , आत्मीयता, एक जुटता है होली।।
राधा कृष्ण का चंचल प्रेम है होली।
भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की पहचान है होली।।
जीवन में हुए ठहराव की निरंतरता है होली
रम्य ,मधुर ,सुंदरतम का सुंदर रूप है होली।
वनों में कूजती कोयलों की मधुर तान है होली।
गदराई आम्र मंजरियों की मधुर सुगंध है होली।
खेतों में अनाज के दानों की मिठास है होली।
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र की पूर्णिमा रात है होली।।
कुंकुम गुलाल भरी मुठ्ठियों की बौछार है होली।
नाच, गान, मौज – मस्ती भरी उछाह है होली।।
बरसाना ,मथुरा,बृंदावन ,नंदगांव की होली।
श्री कृष्ण संग गोपियों की अमरगाथा है होली।।
धन्यवाद !
अनामिका तिवारी “अन्नपूर्णा “✍️✍️✍️✍️