Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

मनभावन होली

बासंती माधुर्य दृष्टि का दूसरा नाम है होली।
तन मन को रंगने का त्यौहार है होली।।

एकता अखंडता का सार्वभौमिक उत्सव है होली।
प्रेम ,दोस्ती , आत्मीयता, एक जुटता है होली।।

राधा कृष्ण का चंचल प्रेम है होली।
भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की पहचान है होली।।

जीवन में हुए ठहराव की निरंतरता है होली
रम्य ,मधुर ,सुंदरतम का सुंदर रूप है होली।

वनों में कूजती कोयलों की मधुर तान है होली।
गदराई आम्र मंजरियों की मधुर सुगंध है होली।

खेतों में अनाज के दानों की मिठास है होली।
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र की पूर्णिमा रात है होली।।

कुंकुम गुलाल भरी मुठ्ठियों की बौछार है होली।
नाच, गान, मौज – मस्ती भरी उछाह है होली।।

बरसाना ,मथुरा,बृंदावन ,नंदगांव की होली।
श्री कृष्ण संग गोपियों की अमरगाथा है होली।।

धन्यवाद !

अनामिका तिवारी “अन्नपूर्णा “✍️✍️✍️✍️

Language: Hindi
2 Likes · 72 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" शिखर पर गुनगुनाओगे "
DrLakshman Jha Parimal
Don’t worry, the right one won’t leave.
Don’t worry, the right one won’t leave.
पूर्वार्थ
तस्वीर से निकलकर कौन आता है
तस्वीर से निकलकर कौन आता है
Manoj Mahato
लत
लत
Mangilal 713
फिर भी यह मेरी यह दुहा है
फिर भी यह मेरी यह दुहा है
gurudeenverma198
मुझे हार से डर नही लगता क्योंकि मैं जानता हूं यही हार एक दिन
मुझे हार से डर नही लगता क्योंकि मैं जानता हूं यही हार एक दिन
Rj Anand Prajapati
लोग कब पत्थर बन गए, पता नहीं चला,
लोग कब पत्थर बन गए, पता नहीं चला,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बचपना
बचपना
Pratibha Pandey
बहू और बेटी
बहू और बेटी
Mukesh Kumar Sonkar
कवि मोशाय।
कवि मोशाय।
Neelam Sharma
The Day I Wore My Mother's Saree!
The Day I Wore My Mother's Saree!
R. H. SRIDEVI
🙅अचूक नुस्खा🙅
🙅अचूक नुस्खा🙅
*प्रणय*
*सबसे सुंदर जग में अपना, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)*
*सबसे सुंदर जग में अपना, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)*
Ravi Prakash
यूं ही कह दिया
यूं ही कह दिया
Koमल कुmari
" सुनो "
Dr. Kishan tandon kranti
इतनी ज़ुबाॅ को
इतनी ज़ुबाॅ को
Dr fauzia Naseem shad
चाहत थी कभी आसमान छूने की
चाहत थी कभी आसमान छूने की
Chitra Bisht
रतन चले गये टाटा कहकर
रतन चले गये टाटा कहकर
Dhirendra Singh
पढ़ लेना मुझे तुम किताबों में..
पढ़ लेना मुझे तुम किताबों में..
Seema Garg
पुस्तक
पुस्तक
Vedha Singh
रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
sushil sarna
जंग लगी थी सदियों से शमशीर बदल दी हमने।
जंग लगी थी सदियों से शमशीर बदल दी हमने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मेरे प्रेम पत्र 3
मेरे प्रेम पत्र 3
विजय कुमार नामदेव
मजदूर
मजदूर
Namita Gupta
तू नहीं चाहिए मतलब मुकम्मल नहीं चाहिए मुझे…!!
तू नहीं चाहिए मतलब मुकम्मल नहीं चाहिए मुझे…!!
Ravi Betulwala
ग़ज़ल _ रूठते हो तुम दिखाने के लिये !
ग़ज़ल _ रूठते हो तुम दिखाने के लिये !
Neelofar Khan
वीरांगना लक्ष्मीबाई
वीरांगना लक्ष्मीबाई
Anamika Tiwari 'annpurna '
4195💐 *पूर्णिका* 💐
4195💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अनुप्रास अलंकार
अनुप्रास अलंकार
नूरफातिमा खातून नूरी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...