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4 Mar 2021 · 1 min read

मधु मास प्रेम रस घोल रहा

मधुमास प्रेम रस घोल रहा
मन पिया मिलन को डोल रहा
फागुन पर यौवन छाया
रंग सतरंगी मार रहा
प्रेम अग्नि की पिचकारी से
अंतस जमकर भिगो रहा
मन मयूर नाचे गाए
तन मन भाव विभोर हुआ
पोर पोर खिल उठा धरा पर
रोम-रोम रोमांच हुआ
सुध बुध सब बिसराई फागुन
लोक लाज ना भेद रहा

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
Tag: गीत
10 Likes · 6 Comments · 344 Views
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