मधुर संगीत गूँजेगा【मुक्तक】
मधुर संगीत गूँजेगा【मुक्तक】
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मैं कवि हूँ मेरी कविताओं में फागुन-पीत गूँजेगा
मोहब्बत-भाईचारा जो रचे वह गीत गूँजेगा
हुनर है मुझमें इस तरकीब से शब्दों को रखने का
पढ़ेगा जब भी कोई तो मधुर संगीत गूँजेगा
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रचयिता: रवि प्रकाश, रामपुर