मधुमेह यानि डॉयबिटीज मैलाईटिस
मुख्य कारक इंसुलिन नामक द्रव्य होता है.
जिसे अग्नाशय ग्रंथि यानि Pancreas के बीटा कोशिकाओं से उत्पन्न होने वाले इंसुलिन पर निर्भर है.
मधुमेह दो तरह का होता है.
टाइप वन (इसमें इंसुलिन ही पैदा नहीं होता)
और
टाइप टू (इंसुलिन तो पैदा होता है लेकिन वह ग्लुकोज को रूपांतरित नहीं करता )
टाइप वन में इंसुलिन पैदा ही नहीं होता है.
अतः इलाज में सीधे इंसुलिन चाहिए.
बाहर वैज्ञानिकों ने इंसुलिन को प्लेन इंसुलिन और लंटे इंसुलिन की इंटरनेशनल यूनिट को बिमारी की गंभीरता के अनुसार मात्रा का निर्धारण करके इलाज किया जाता है.
टाइप टू में , इंसुलिन तो पैदा होता है.
पर वह ग्लुकोज को बदलने में असक्षम रहता है. यह क्रियि चय अपचय यानि metabolism पर निर्भर है.
नतीजन ग्लूकोज/शर्करा की मात्रा खून में बढ़ जाती है. जिसका सीधे संबंध से शरीर में ऊर्जा पैदा नहीं हो पाती.
शुरुआत लक्षण:-
शरीर में थकावट/कमजोरी
भूख अधिक लगना.
और वजन में उल्टे गिरावट जारी रहती है.
पेशाब बार बार जाना.
मुंह का सूखना, अधिक प्यास लगना.
बार-बार रोग ग्रस्त होना.
रोक प्रतिरोधक क्षमता का घट जाना.
जल्द से घाव न भरना.
मूत्रमार्ग पर पीड़िका/दाने उत्पन्न होना.
प्रमुख है.
खून की संभावित जाँच:-
ब्लड शुगर, (खाली पेट) जिसे फास्टिंग
खाने के दो घण्टे बाद जिसे पी.पी कहते हैं, HbA1C, R-peptide level,
Antibody Test ( GAD )
निदान :- मोटापा, अधिकतर बैठे रहना,
असमय भोजन, बार-बार पेट में
असंतुलन बने रहना, एक आवश्यक से अधिक बार बार मीठा खाने की आदत.
पथ्य/अपथ्य (क्या खाये/ किसके परहेज करे :-
केला/चीकू/अंगूर जैसे फलों के सीधे आहार से बचे.
आलू/शकरकंद/चावल के सीधे खाने से बचे.
उपचार :- कोई स्थाई इलाज नहीं.
परहेज और दवा सैर – सपाटे पर
अधिक ध्यान दें, सैर का मतलब
मथे पर पसीना आना सैर की
अंतिम रूप माने, पसीने नहीं तो
सैर नहीं.
चिकित्सा:-
चिकित्सा शास्त्र इसे याप्य यानि दवा के साथ जीवन यापन करने की सलाह देते है
फिर भी कुछ आयुर्वेदिक दवा जैसे :-
करेला
निम्ब निमोली
जामुन
गुड़मार
मेथी के योग.
सूखे मेवे, बादाम, किसमिस, अंजीर खा सकते है.
डब्बा बंद पैकेज के खाने से बचें.
पादप यानि पेड़ पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थ लें, दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थ से परहेज़ करें.
वैद्य या चिकित्सक के मतानुसार इस्तेमाल करते रहे.
अंग्रेजी दवा में.
बाजार विभिन्न श्रेणियों में दवा उपलब्ध है
आप समय समय पर जांच कराये.
और अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें.
ज्यादातर रोगियों को मधुमेह से नहीं हैं.
हृदयाघात से हुआ करती है.
इसलिए घी तेल चिकनाई धूम्रपान अत्यधिक शराब चाय कॉफी से बचें
चिंता का त्याग करें,
डॉक्टर महेन्द्र भारतीय