मदर्स डे (मातृत्व दिवस)
मातृत्व दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ,,,,,
मदर्स डे मनाने की शुरुआत करने का श्रेय अमेरिकन एक्टिविस्ट एना जार्विस को जाता है। वह अपनी माँ के साथ ही रहती थी। वह अविवाहित थी। अपनी माँ के देहान्त के बाद एना ने माँ के प्रति आभार जताने के लिए ‘मदर्स डे’ की शुरुआत की थी। इस हेतु उन्होंने ऐसी तिथि चुनी कि उसकी माँ की पुण्यतिथि 9 मई के आसपास ही पड़े। उसी समय से हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को “मदर्स डे यानी मातृत्व दिवस” मनाया जाता है।
वास्तव में माँ अतुल्य होती है। माँ के दिल सा कोई दिल नहीं होता। बच्चा जनने के साथ नारी के अन्दर से एक नई नारी का जन्म होता है। उसी नारी का नाम ” माँ ” है। ‘माँ’ के सम्मान में मेरी कलम से चन्द पंक्तियाँ :
माँ- पहला शब्द
अस्तित्व में आने के बाद,
जिनकी दुआएँ चलती है
हर वक्त हमारे साथ।
नारी शक्ति पर आधारित मेरी तृतीय काव्य-कृति : ‘आधी दुनिया’ में संकलित रचना- ‘माँ’ शीर्षक रचना की कुछ पंक्तियाँ :
तू सृष्टा तू जननी, तू संकटमोचनी तू प्राणदायिनी
तू शुरू तू गुरु , तू कल्याणी, तू फलदायिनी
तू ममतामयी तू पालिनी, तू सर्वव्यापी तू सर्वदायिनी
सारे भव को दे वरदां,
तेरा साथ सदा रहे माँ।
“वन्देमातरम” … माँ तुझे सलाम,,,💐
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत भूषण सम्मान प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।