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*प्रणय*
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8 Jul 2023 · 1 min read
मदमस्त “नीरो”
मदमस्त “नीरो”
पहले “बंसी” बजाता था।
अब “गाल” बजाता है।
सुबह से शाम तक।।
■प्रणय प्रभात■
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