*मत लो अपनी जान*
देखो सुन ओ युवान,
माना खून गरम
और दिल है जवान।
जोश में तैश है पर
होश की नहीं है कमान।
पल पल बदलते हो फैसले,
नहीं जड़त्व की पहचान।
नादानी बन जाती है सबब तुम्हारी,
और ले लेते हो अपनी ही जान।
खून पसीने से सींचा है किसीने,
अमानत हो उसकी ये बात लो जान।
चले जाओगे तो ख़ाक हो जाओगे,
जो रह जाओगे तो इतिहास बनाओगे।
सृजन की है दुनिया,
कुछ भी कर ओ नादान,
आस लगाए बैठी तुझसे,
कर तो काम कोई महान।
कुमार दीपक “मणि”
12/05/2023