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6 Apr 2022 · 1 min read

मत याद दिलाओ अतीत की यादें

मत याद दिलाओ अतीत की यादें,
जाने कितनी तड़पने छिपी हुई है।
मत खोलो दिल की परते अब तुम,
जाने कितनी चीखे भरी हुई है।।

मत जलाओ मेरी तमन्नाओं को,
ये तो पहले से ही जली हुई है।
मत दहकाओ इन अंगारों को,
ये तो पहले से ही राख हुई है।।

ये जीवन संघर्षों का भरा हुआ है,
अपनो की मारो से ये मरा हुआ है।
मत कुरेदना कभी भी तुम इनको,
जख्मों से ये काफी भरा हुआ है।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 160 Views
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