Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2017 · 1 min read

मत बाँधों … मुझको !

मत बाँधों तुम समय में मुझको,
मुझे उन्मुक्त जीवन सा बहने दो,

गुण हैं कुसुम से, तन में, ह्रदय में,
बिंधकर हार में हार जाऊंगी मैं तो,
चाह तुम्हीं रखोगे मुझकों तोड़ने की,
टूटके डाल से बिखर जाऊंगी मैं तो,
इत उत,यूँ ही, कहीं भी किंतु ऐसे ही,
मुझे तुम सुरभित-सुमन सा खिलने दो !

सार जीवन का इसी में है कि यूँही,
पल पल क्षण क्षण गुजरती जाऊं,
भर दूँ प्राण सबमें बिन रुकी-थकी,
नवयुग के नवगान लिखती जाऊं,
अलक्षित ही सही यद्यपि लक्ष्य मेरा,
मुझे बिनबाधा पवन सा बहने दो !

कहो पयोधिनी मुझे या तरंगिणी,
तटिनी, तरिणी, हिमसुता कह दो,
बांध नहीं सकेंगें ये तटबंध पथरीले,
जाओ कोई इनसे इतना कह दो,
हो जाऊंगी लुप्त कल कहीं किंतु,
आज निर्बाध सरित सा बहने दो !

मैं भी हो जाऊं पखेरुओं की तरह,
असीम अनन्त नभ में उड़ती रहूँ,
तोड़ पिंजर रीतियों के सदा के लिए,
चपला सी मेघ-मध्य उमगती रहूँ,
बंधन ये सम्बन्धों के भी ठुकराकर,
निर्भय,निशंक,निर्बंध ही रहने दो !

अनमोल पावन प्रेम भरती हुई मैं,
बस विश्वास के मधुरस से सिंचित,
अर्पण,समर्पण, त्याग मुक्त होकर,
जिसमें उपालम्भ नहीं है किंचित,
नित घटता हुआ ही बढ़ता है जो,
सतत् सहज जीवन सा बहने दो !

Language: Hindi
495 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन अपने बसाओ तो
मन अपने बसाओ तो
surenderpal vaidya
*जिंदगी  जीने  का नाम है*
*जिंदगी जीने का नाम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बाट का बटोही कर्मपथ का राही🦶🛤️🏜️
बाट का बटोही कर्मपथ का राही🦶🛤️🏜️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मोहन कृष्ण मुरारी
मोहन कृष्ण मुरारी
Mamta Rani
मंगल मूरत
मंगल मूरत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दुआ
दुआ
Dr Parveen Thakur
यह पृथ्वी रहेगी / केदारनाथ सिंह (विश्व पृथ्वी दिवस)
यह पृथ्वी रहेगी / केदारनाथ सिंह (विश्व पृथ्वी दिवस)
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
गीत लिखूं...संगीत लिखूँ।
गीत लिखूं...संगीत लिखूँ।
Priya princess panwar
निर्माण विध्वंस तुम्हारे हाथ
निर्माण विध्वंस तुम्हारे हाथ
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
छान रहा ब्रह्मांड की,
छान रहा ब्रह्मांड की,
sushil sarna
योग न ऐसो कर्म हमारा
योग न ऐसो कर्म हमारा
Dr.Pratibha Prakash
अधूरी ख्वाहिशें
अधूरी ख्वाहिशें
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
💐Prodigy Love-23💐
💐Prodigy Love-23💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि
Raju Gajbhiye
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
Surinder blackpen
धनतेरस जुआ कदापि न खेलें
धनतेरस जुआ कदापि न खेलें
कवि रमेशराज
बुलडोज़र स्टेट का
बुलडोज़र स्टेट का
*Author प्रणय प्रभात*
असफलता
असफलता
Neeraj Agarwal
* straight words *
* straight words *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
होली के रंग
होली के रंग
Anju ( Ojhal )
"रफ-कॉपी"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी आंखों में कोई
मेरी आंखों में कोई
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम एकता भाईचारा, अपने लक्ष्य महान हैँ (मुक्तक)
प्रेम एकता भाईचारा, अपने लक्ष्य महान हैँ (मुक्तक)
Ravi Prakash
सर्वनाम के भेद
सर्वनाम के भेद
Neelam Sharma
पाषाण जज्बातों से मेरी, मोहब्बत जता रहे हो तुम।
पाषाण जज्बातों से मेरी, मोहब्बत जता रहे हो तुम।
Manisha Manjari
किसे फर्क पड़ता है
किसे फर्क पड़ता है
Sangeeta Beniwal
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
shabina. Naaz
मुसाफिर हो तुम भी
मुसाफिर हो तुम भी
Satish Srijan
"तेरे लिए.." ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...