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20 Aug 2023 · 1 min read

“मतलब”

पक्ष और विपक्ष
दिखते नहीं
कोई भी निष्पक्ष।

अपनी ही आहट से
ये चौंकते हैं,
एक जानकर बोला-
निश्चिन्त रहिए आप
ये काटते नहीं
सिर्फ भौंकते हैं।

मैंने उनसे पूछा
आखिर क्यों?
वो सज्जन बोला
वे दोनों हैं
ज्यों के त्यों।

उन दोनों को
एक ही चीज की
बड़ी तलब है,
‘लोक’ जाए भाड़ में
सिर्फ ‘तंत्र’ से मतलब है।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
बेस्ट पोएट ऑफ दी ईयर-2023
भारत के 100 महान व्यक्तित्व में शामिल
एक साधारण व्यक्ति।

9 Likes · 6 Comments · 180 Views
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