मतलब की सारी दुनिया है
मतलब की सारी दुनिया है,
मतलब के सारे यार ।
मतलब जब निकल जाए तो,
फिर मिलता नहीं वो प्यार ।।
मतलब निकल जाने पर यहाँ,
कोई पूछता नहीं है हाल ।
बिन मतलब का ना जाने,
ये कैसा है संसार ।।
जो आया है मतलब से,
वो मतलब से ही रूकेगा ।
सदा सीना ठोकनेवाला भी ,
यहाँ मतलब से ही झुकेगा ।।
बिन मतलब कहीं कोई आज,
नहीं जाता है यार ।
बिन मतलब किसी को भी,
यहाँ मिलता नहीं है प्यार ।।
यहाँ सब मतलब से बात करेंगे,
सब मतलब से देंगे साथ ।
मतलब जब निकल जाएगा,
फिर खींच लेगा तुमसे हाथ ।।
कद्र नहीं यहाँ भावनाओं की,
ना कोई समझेगा जज्बात ।
बस मतलब से बात होगी,
और मतलब से ही मुलाकात ।।
मतलब की सारी दुनिया है,
मतलब का सब संसार ।
बिन मतलब कोई ना पूछे,
न बिन मतलब के बनते यार ।।
मतलब की सारी दुनिया है,
सब मतलब से बात करते ।
गर मतलब है उनका तो,
वो तेरे पाँव भी है पड़ते ।।
बिन मतलब के कोई भी,
आता नहीं तुम्हारे पास ।
गर मतलब निकल गया हो तो,
तुम नहीं रहोगे फिर उनके खास ।।
मतलब में है तलब छिपा,
और म भी है इसमें छिपा ।
जब तक दोनों साथ रहेंगे,
तब तक रहेगा तुझमें मैं ।।
लेखक – मनमोहन कृष्ण
तारीख – 11/08/2020
समय – 19 : 51 ( रात्रि )