मतदान
निकट आ गई तिथि वोट की,
देखो कमल खिलना हैं।
राष्ट्रवाद की लहर चली हैं,
अब तो कमल खिलना हैं।।
भेद-भाव और मन-मुटाव को,
भूलके कमल खिलाना हैं।
सत्य सनातन की खातिर,
मिलकर कमल खिलाना हैं।।
निकट आ गई तिथि वोट की,
देखो कमल खिलना हैं।
तिथि आ गई अब तो वोट की,
बस वोट डालने जाना हैं।।
चाहे परिस्थित कैसी भी हो,
कमल का फूल खिलाना हैं।
चारो दिशाएं कह तो रही हैं,
कमल का बटन दबाना हैं।।
निकट आ गई तिथि वोट की,
देखो कमल खिलना हैं।
आज विश्व भी हमे देखता,
बेबसी और लाचारी से।।
आज विश्व भी कमर भरोसे,
पक्का कमल खिलाना हैं।
वोट एक भी छुटे ना अब,
साथ सभी को देना हैं।।
निकट आ गई तिथि वोट की,
देखो कमल खिलाना हैं।
ये हैं काम सभी का सुनलो,
वोट की ताकत दिखलानी हैं।।
मोदी जी को मजबूती से,
अब सत्ता हमे दिलानी हैं।
विपक्ष की छाती पे चढ़कर,
कमल का फूल खिलाना हैं।।
निकट आ गई तिथि वोट की,
देखो कमल खिलाना हैं।
भारत माँ के जय कारे हो,
बस इतना फर्ज निभाना हैं।।
आस पास मे सभी को अपने,
वोट के लिए जगाना हैं।
वोट जरूरी कितना हैं ये,
सभी को ये बतलाना हैं।।
निकट आ गई तिथि वोट की,
देखो कमल खिलाना हैं….
ललकार भारद्वाज