मतदान दिवस
हर मतदाता सोच समझ ले,मतदान करना कर्तव्य है अपना।
आगे पाँच साल तक देखो,कौन चलाएगा देश यह अपना।।
अपने मत की क़ीमत को,हर व्यक्ति अब पहचानता है।
हर पार्टी और नेता की मंशा,अब हर मतदाता जानता है।।
यह देश था सोने की चिड़िया,जिसे ग़ैरों ने दोनों हाथों से लूटा है।
अपनों की ग़द्दारी से ही,माँ भारती का आँचल भी हमसे छूटा है।।
ताक़तें विदेशी तो छोड़ गईं,यह देश देकर अपनों के ही हाथों में।
पर आदत अपनी दे गये हमें, बाँटों और लूटो बातों ही बातों में।।
मतदान से ही हर भारतीय,आईना ग़द्दारों को दिखा सकता है।
चुन चुन कर देश भक्तों को,प्रधान मंत्री देश का बना सकता है।।
मतदान ही है अधिकार तुम्हारा,हर पाँच साल में सबको मिलता है।
इसके उपयोग के दम पर ही,सरकारों का चेहरा बनता या बिगड़ता है।।
मतदान के दिन को मिलकर के,त्यौहार देश का हमसबको बनाना है।
बच्चे बूढ़े सबको लेकर घर से,मतदान केंद्र तक हमें ही पहुँचाना है।।
कहे विजय बिजनौरी हम सबकी देश के लिए भी कुछ ज़िम्मेदारी है।
और मतदान करके ही हर व्यक्ति को निभानी अपनी नैतिक हिस्सेदारी है।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी।