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9 Nov 2021 · 1 min read

मज़हब के नाम पे फिर क्यूँ?

इंसां की औलाद हो तो फिर?
इंसानियत के कायदे भी सीख.

मज़हब के नाम पे फिर क्यूँ?
खून-ख़राबे सी हालात करते हो?
शायर- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 2 Comments · 351 Views
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