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3 Nov 2020 · 1 min read

मजहब के नाम पर इंसानी खून

मजहब के नाम पर बैर, वन्दे नहीं है खैर
इंसानी मार-काट,सब है बेकार
हिंसा द़ेष तकरार,क्यों है बरकरार
क्यों है आतंक दुनिया में?
क्यों बहाते हो इंसानी खून बार बार?
इसलाम आतंकवाद को दे चुका नाजायज करार
ठहराया है नाजायज हर बार।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 323 Views
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