मजबूरो की आह से बचिए
मजबूरो की आह से बचिए
जिन्दगी में गुनाह से बचिए
जिन्दगी में न लाएं तुफान
ऐसे क़ौम बादशाह से बचिए
खुशियों के बहाने ढुढते रहिए
उदासी भरी राह से बचिए
हर दर्द को पर्दे में रखिए
आंसू भरी निगाह से बचिए
सुकून से रहना है तो” नूरी”
दौलत की चाह से बचिए
नूरफातिमा खातून “नूरी”
१५/३/२०२०