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1 May 2020 · 1 min read

मजदूर दिवस

**** श्रम दिवस *****
*******************

आज एक मई का वार हैं
सुना है श्रमिक त्यौहार है

दिहाड़ीदार दिहाड़ी पर है
हाथ में श्रम के औजार हैं

आज श्रमिक खाली कहाँ
श्रमिक स्वेद से शरोबार है

हो गए सभी इकट्ठे मनाने
जिनका कार्य व्यापार है

बन जाते कृत्रिम मजदूर
उनका श्रम न कारोबार है

श्रम डे की कहाँ फुरसत
वो तो मनाने में लाचार है

प्रतीक्षा में हैं भूखी आँखें
जिनके प्रति वफादार है

तन बदन अस्थिपंजर सा
अंग अंग हुआ कर्जदार है

मुंंह चिपका आँखे बाहर
बदन का लगा बाजार है

ना मिले दो टूक निवाला
क्या इसी का हकदार है

सरकारी नीतियाँ विफल
नहीं होता परोपकार हैं

दफ्तरों तक ही सीमित
योजनाओं का बाजार है

बूढे माँ-बाप,जवान बेटी
वक के हाथों लाचार है

गरीबी में हुई हैं बदहाली
तंग जीवन दरकिनार है

बनाता महल आशियाने
सड़क किनारे घर बार है

श्रम डे की शुभकामनाएं
बस यही मिला उधार है

सुखविंद्र ना ले सुध बुध
हमारी ऐसी सरकार है
******************

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 537 Views
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