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4 Jul 2022 · 1 min read

मजदूर की रोटी

मजदूर करते हैं मजदूरी
एक कनिष्ठ सी दिलासा
अपने मानस में बांध के
आज की रोटी मिल जाए
हमें किसी भी आचरण से
इसके लिए वो आतप में
पसीने बहाते रहते हैं सदा
मजदूरी ही है इनकी रोटी ।

कभी-कभी किसी सबब से
न कर पाते हैं कृत्य, करम
चौमासा , कड़ी घाम आदि
इन सब प्रयोजनों से तो
वो और उनके नन्हें लाल
संग-संग उनकी कामनी को
क्षुधालु कुक्ष ही सोना पड़ता
मजदूरी ही है इनकी रोटी ।

अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार

Language: Hindi
1 Like · 396 Views

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