मजदूर- ए- औरत
आजकल के इस दौड़ में
औरते भी करती मजदूरी
मजदूर मर्दों की विभांति
जाके देखिये कई गांवों में
कई महिलाओं के वल्लभ
न है या अस्वस्थ, मद्यपी हैं
वह अपने और स्वजन हेतु
करते रहते हैं मजदूरी यहां।
ऐसी महिलाएं क्या करेगी ?
मजदूरी ही न करेगी अंततः
और क्या कर सकती है ?
क्या यह एसो आरामों में
रह सकती इस भूमि पर ?
मजदूरी ही रोटी है इनकी
यही हाल मजदूर नारी की ।
अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार