मछली रानी
मछली रानी मछली रानी।
पीती रहती दिनभर पानी।।
प्राण वायु भी जल से लेती।
अति जल को बाहर कर
देती।।
नौका सम रखती अपना तन।
बच्चों समझो मछली जीवन ।।
सूक्ष्म कीट अनाज यह खाती।
ऊर्जा इससे निशदिन पाती।।
पानी में ही प्रजनन करती।
मानव लख़कर है यह डरती।।
बैर मनुज कुछ इससे रखते।
स्वाद बहुत ले इसको चखते।।
मत्स्य नाम है इसका दूजा।
देवि रूप में होती पूजा।।
तेल मत्स्य का औषधि देता।
उदर रोग पीड़ित यह लेता।।
बाल सभी मछली को जानो।
ओम कहे गुण भी पहचानो।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
भीतरगांव कानपुर नगर