“मछली और भालू”
“मछली और भालू”
मछली भी बड़ी चालाक थी
शह-मात वाली जो बात थी,
जा छुपी थी वह कीचड़ में
आखिर जीवन-मरण की बात थी।
भालू ने जब जाल हटाया
मछली का बेटा ऊपर आया,
भालू दादा चश्मा ठीक करके
देख उसे बहुत पछताया।
“मछली और भालू”
मछली भी बड़ी चालाक थी
शह-मात वाली जो बात थी,
जा छुपी थी वह कीचड़ में
आखिर जीवन-मरण की बात थी।
भालू ने जब जाल हटाया
मछली का बेटा ऊपर आया,
भालू दादा चश्मा ठीक करके
देख उसे बहुत पछताया।