मगर हार मैंने भी मानी नहीं है
नहीं आज बचपन जवानी नहीं है
मगर खत्म अपनी कहानी नहीं है
मुझे जिन्दगी ने सताया है जी भर
मगर हार मैने भी मानी नहीं है
भरा प्रेम से है मेरा दिल लबालब
किसी के लिए बदगुमानी नहीं है
कहाँ से मिलेंगे किसी को निवाले
मेरे गाँव खेती- किसानी नहीं है
मेरे दिल ने सीखा तुम्हीं से धड़कना
तुम्हारे बिना जिंदगानी नहीं है
इसी जन्म में तुमको पाकर रहूँगा
मेरा ख्वाब ये आसमानी नहीं है
किया तुमसे’ वादा नहीं है चुनावी
किसी किस्म की बेईमानी नहीं है