मकर संक्रांति पर्व
-मकर संक्रांति पर्व
मकर संक्रांति का दिन आया है,
पावन दिन सूर्य देव उत्तरायण चलने आया है
जाने को है ठंडा मौसम शीत लहर संग लाया है ।
आस्था और उल्लास का त्योहार आया है
भोर में गंगा स्नान करके पावन करने आया है
सूर्य आराधना से जीवन मंगल में बनाने आया है ।
नील गगन में रंग बिरंगी पतंग बिखरने आया है
वैसे ही सबके जीवन में विविध रंग भरने आया है
नववर्ष के साथ नवजीवन में ऊर्जा भरने आया है।
दान पुण्य करें तन-मन से पाप मिटाने आया है
मौसम में आए बदलाव ठंड मिटाने आया है
भीनी खुशबू तिल गुड़ से जीवन महकाने आया है ।
ठंड मिटे गर्माहट आएं मिटाने संताप सभी के आया है
गुप्त रुप से दान करूं पुण्य मन पावन करने आया है,
खेल-कूद, खान-पान,दान-मान उमंग बढ़ाने आया है।
मकर संक्रांति का दिन आया है।।
-सीमा गुप्ता,अलवर राजस्थान