मईया का ध्यान लगा
माईया का ध्यान लगा लो तुम भक्ति निखर कर लो।।
ना काल समय सीमा ना जीवन मृत्यु माईया कि भक्ति मिलती रहे जनम जनम।।
माईया का ध्यान लगा लो तुम भक्ति निखर कर लो।।
दुख क्लेश जितने भी आये विचलित ना हो जाना माईया कि भक्ति ही एक सहारा ।।
माईया का ध्यान लगा लो तुम भक्ति निखर कर ।।
जब से मानव काया जनम मरण असह दुःख माया जनम मरण से मुक्ति का मोक्ष वरण कर लो ।।
विचलित होते माईया कि मूरत धारण कर लो दूजा कोई नही माईया को ही सर्वस्व समर्पित कर दो कल्याण करेगी माईया विश्वास तुम कर लो।।
माईया का ध्यान लगा लो तुम भक्ति निखर कर लो।।
माईया कुष्मांडा अष्टभुजा देवी जिनके कर सोहे कमल कमंडल अमृत कलश गदा चक्र बाण धनुष माईया कुष्मांडा प्रलय अंधकार प्रकाश सृष्टि का निर्माण माईया का आगमन चौथे दिवस नौ रात।।
माईया का ध्यान लगा लो तुम भक्ति निखर कर लो।।
आनहादत चक्र साधक मन अचंचल मन कुष्मांडा ध्यान अटल अविरल निर्मल निश्छल ।।
माईया का ध्यान लगा लो तुम भक्ति निखर कर लो
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उतर प्रदेश।।