मंदिर के दरवाज़े पर लिखे शब्द
बहुत सुन्दर शब्द
जो एक मंदिर के
दरवाज़े पर लिखे थे..
सेवा करनी है तो
घड़ी मत देखो
प्रसाद लेना है तो
स्वाद मत देखो
सत्संग सुनाना है तो
जगह मत देखो
बिनती करनी है तो
स्वार्थ मत देखो
समर्पण करना है तो
खर्चा मत देखो
रहमत देखनी है तो
जरूरत मत देखो
जीत किसके लिए ,
हार किसके लिए ,
ज़िंदगी भर ये तकरार
किसके लिए..
जो भी आया’ है वो जायेगा
एक दिन यहाँ से ,फिर ये
इंसान को इतना अहंकार
किसके लिए…
हीरा बनाया है
ईश्वर ने हर किसी को
पर चमकता वही है
जो तराशने की हद
से गुज़रता है
अच्छे लोगों की
भगवान परीक्षा
बहुत लेता है,
परन्तु साथ
नहीं छोडता,
और बुरे लोगों को
भगवान बहुत कुछ देता है,
परन्तु साथ नहीं देता…
दीपाली कालरा