Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2024 · 1 min read

” मंजिल “

” मंजिल ”
हर आँखों में सपने हैं
हर सीने में दिल है,
हर इंसान की
अपनी मंजिल है।

2 Likes · 2 Comments · 47 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

मौन के प्रतिमान
मौन के प्रतिमान
Davina Amar Thakral
कुछ दोहे मनके
कुछ दोहे मनके
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
कब तक बरसेंगी लाठियां
कब तक बरसेंगी लाठियां
Shekhar Chandra Mitra
लाख़ क़ाबिल है तू इल्मो फन में
लाख़ क़ाबिल है तू इल्मो फन में
Dr fauzia Naseem shad
*पथ संघर्ष*
*पथ संघर्ष*
Shashank Mishra
वीरांगनाएँ
वीरांगनाएँ
Dr.Pratibha Prakash
वही नज़र आएं देखे कोई किसी भी तरह से
वही नज़र आएं देखे कोई किसी भी तरह से
Nitin Kulkarni
24/234. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/234. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आधुनिक टंट्या कहूं या आधुनिक बिरसा कहूं,
आधुनिक टंट्या कहूं या आधुनिक बिरसा कहूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
तेरी मेरी यारी
तेरी मेरी यारी
Rekha khichi
*अटूट बंधन*
*अटूट बंधन*
ABHA PANDEY
कितने हीं ज़ख्म हमें छिपाने होते हैं,
कितने हीं ज़ख्म हमें छिपाने होते हैं,
Shweta Soni
श्री राम जी से
श्री राम जी से
Dr.sima
*मैया की शेर की सवारी हुई (भजन/हिंदी गजल)*
*मैया की शेर की सवारी हुई (भजन/हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
"तालाब"
Dr. Kishan tandon kranti
सिंहपर्णी का फूल
सिंहपर्णी का फूल
singh kunwar sarvendra vikram
वृंदा तुलसी पेड़ स्वरूपा
वृंदा तुलसी पेड़ स्वरूपा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
चलो स्कूल
चलो स्कूल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*THe Glorious is Humble*
*THe Glorious is Humble*
Veneeta Narula
Go wherever, but only so far,
Go wherever, but only so far,"
पूर्वार्थ
........?
........?
शेखर सिंह
सामाजिक बेचैनी का नाम है--'तेवरी' + अरुण लहरी
सामाजिक बेचैनी का नाम है--'तेवरी' + अरुण लहरी
कवि रमेशराज
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बड़ी सादगी से सच को झूठ,
बड़ी सादगी से सच को झूठ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक तरफा दोस्ती की कीमत
एक तरफा दोस्ती की कीमत
SHAMA PARVEEN
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
नेताम आर सी
बस माटी के लिए
बस माटी के लिए
Pratibha Pandey
वो ठहरे गणित के विद्यार्थी
वो ठहरे गणित के विद्यार्थी
Ranjeet kumar patre
थक चुका हूँ बहुत अब.., संभालो न माँ,
थक चुका हूँ बहुत अब.., संभालो न माँ,
पंकज परिंदा
तुझमें वो खास बात
तुझमें वो खास बात
Chitra Bisht
Loading...