मंजिल है अभी दूर ©️®️ Manjul Manocha
मंजिल है अभी दूर, कांटे पत्थर भी भरपुर
दुश्मन भी बिछाये बैठा है जाल
संभल कर चल अ राही तु
ये अपनी मस्तमौला चाल
खानी पडेंगी ठोकरें भी तुझको
सहन भी करना होगा उपहास
जारी रखना होगा तुझे फिर भी
ये अपना ‘भीष्म’ सा पुरूषार्थ
मिलेगी मंज़िल तुझे तेरी, तु करता चल निरंतर प्रयास
अलख तु रख जगाये दिल में
की कहीँ कम ना होने पाए
की है तुने जो खुद से आस
मिलेगी मंज़िल तुझे तेरी, हर हाल में इक दिन तो ज़रूर
सफलता का सुत्र है मेहनत, तु करता रह इसे भरपुर
संवर जाए जो जीवन तेरा,ना करना क्षणिक भर भी गुरूर
मंज़िल है अभी दूर, कांटे पत्थर भी भरपुर
©®॥मंजुल मनोचा॥©®