मंजिल कठिन ॲंधेरा, दीपक जलाए रखना।
गज़ल
221////2122////221////2122
मंजिल कठिन ॲंधेरा, दीपक जलाए रखना।
मालिक हो प्यार अपना, मुझ पर बनाए रखना।1
गम घिरी घटाएं, संकट में सारी दुनियां,
हे दीनबंधु तुम ही, सबको बचाए रखना।2
दुश्वारियों में यारो, तुमको खुशी जो बख्शे़,
कोई भी ऐसा नगमा, तुम गुनगुनाए रखना।3
मझधार हो जो नैया, तुम हो मेरे खेवैया,
अपनी कृपा के हरदम, तुम मुझपे साए रखना।4
जग सारा जानता है, हम हैं तुम्हारे प्रेमी,
जब आऊं तुम से मिलने, पलकें बिछाए रखना।5
……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी