“मंजर”
“मंजर”
“वो गहरे सन्नाटे में खौंफ का मंजर
एक मासूम लड़की और चलते बेखौफ खंजर ,
कातिल जल्लाद, पास से चुपचाप गुजरते इंसान ,
ऐसे दर्दमयी दशा में एक बेटी और मौत का मंजर l
वो रोता, बिलखता परिवार और टूटते जज्बातों का मंजर,
हैवानियत की हदे लांगता , कातिल ख़यालातों का मंजर ,
जबरदस्ती खुनी प्यार का शिकार बनती लड़कियाँ ,और
वो नापाक इरादों से लहुलुहान , हालातों का मंजर l
समझो वक्त का तकाजा और इश्क़ के चक्रव्यू का मंजर ,
बलि बनने नहीं हुए पैदा , समझो बातों का मंजर ,
उठों निकलों बवंडर से, जागों गहरी नींद से ,
वरना नहीं होगा कम, यह मौत का मंजर l”
“नीरज कुमार सोनी”
“जय श्री महाकाल”🕉️