भ्रष्ट शिक्षा तंत्र
भ्रष्ट शिक्षा तंत्र
शिक्षा के नाम पे चल रहे, कारोबार बंद हों।
विकासोन्मुखी लाभदायक, शिक्षा का प्रबंध हो।।
सेल लगी है आज उपाधियों की बाजार में,
कहीं नकद में सौदे तो कहीं होते उधार में,
उपाधियों का योग्यता से सीधा संबंध हो।।
देखा न मुँह कालेज का, बी ए, एम. ए. पास हुए,
कुशाग्र बुद्धि होनहार छात्र के सत्यनाश हुए,
योग्यतानुसार रोजगार का युवाओं से अनुबंध हो।।
नोन अटैंडिंग क्लास के एक्सट्रा पैसे लेते हैं,
बी. एड. , जे. बी. टी. कोर्स में प्रवेश देते हैं
ऐसे सभी संस्था संचालक जेलों में बंद हों।।
नोन अटैंडिंग पढ के, नोन अटैंडिंगअफसर होंगे,
आम आदमी के लिए कहां उन्नति अवसर होंगे,
विकास में बाधक भ्रष्ट घर में ही नजरबंद हो।।
सिल्ला’ बेङा गर्क कर दिया, इन्होंने समाज का,
कोई नेता का साला,कोई अफसर की लिहाज का,
इन भ्रष्टों की नकेल कसने का भी प्रबंध हो।।
-विनोद सिल्ला