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27 Jul 2019 · 1 min read

भ्रम

है जवानी
एक धोखा
मत होओ
मदहोश इसमें
कर्म ही
पहचान है
गर रहे संयमित
जवानी में
नहीं होगी
बदनामी
जीवन में

यौवन है
पानी सा
बुलबुला
उड़ जाऐगा
एक दिन
गर रहे
अपने अपनों के
ये
जीवन में
यादें छोड़
जाऐगा

न कर घमंड
न उड़ आसमां में
इन्सा
कर इज्जत
बुजुर्गों की
न जवानी रहेगी
न यौवन रहेगा
है सब भ्रम
मन का
आशीर्वाद ही
साथ रह पाऐगा

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
298 Views
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