भोपाल गैस काण्ड में मृतकों को श्रद्धांजलि
दुनिया की भीषण औद्योगिक दुर्घटना का
हो गए थे शिकार
मर गए थे कई हजार
गंभीर प्रभावित कई लाख
आज भी है गंभीर बीमारियों के शिकार
आज त्रासदी की ३७ बीं वरसी पर
गैस पीड़ितों ने अपनी मांगों को लेकर
निकाल दिया है परंपरागत मशाल जुलूस
आज भी याद आती है वो रात मनहूस
अपनों के दिवंगत चेहरे
रिस रहे हैं आज भी वह घाव गहरे
त्रासदी आने वाली पीढ़ियों पर भी असर कर रही है पैदा होने वालों में कई प्रकार की विकृति आ रही है पीडितों की सुनेगा कौन?
वे भाषण पेलेंगे, फिर रखेंगे 2 मिनट का मौन
सर्बधर्म प़ार्थना होगी
फिर सब हो जाएगा परंपरागत मौन?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी