Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Dec 2020 · 1 min read

भइया हम कोरोना हैं

भइया हम कोरोना हैं
क्या हिन्दू? क्या मुस्लिम?
आज संपूर्ण विश्व के लिए एक मात्र रोना हैं।
काहें की भइया हम कोरोना हैं।

आप सब एक हो जाओ
जितना ज्यादा संभव हो सामाजिक दूरी बनाओ
वरना हम तुम्हारी जान और उस खौफनाक मंजर के लिए एक मात्र रोना हैं..
काहें की भइया हम कोरोना हैं।

हमारी न कोई जात है न धरम, देश की सीमा है
तुम्हारी मौत मेरे लिए एक मात्र खिलौना है।
संभल जाओ भइया
हम खतरनाक कोरोना हैं।
लोगों से मिलना-जुलना बन्द कर दो
वरना तुम्हारे परिवार के लिए भी हम ही रोना हैं..
काहे की भइया चीन से आये हम
सबके लिए खतरनाक कोरोना हैं।
– सिद्धांत सोनकर
जौनपुर (उ.प्र.)

7 Likes · 57 Comments · 593 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वो मुझे
वो मुझे "चिराग़" की ख़ैरात" दे रहा है
Dr Tabassum Jahan
उम्र के हर एक पड़ाव की तस्वीर क़ैद कर लेना
उम्र के हर एक पड़ाव की तस्वीर क़ैद कर लेना
'अशांत' शेखर
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वैसा न रहा
वैसा न रहा
Shriyansh Gupta
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
Neelam Sharma
दरिया का किनारा हूं,
दरिया का किनारा हूं,
Sanjay ' शून्य'
योग क्या है.?
योग क्या है.?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*सुबह उगा है जो सूरज, वह ढल जाता है शाम (गीत)*
*सुबह उगा है जो सूरज, वह ढल जाता है शाम (गीत)*
Ravi Prakash
बिताया कीजिए कुछ वक्त
बिताया कीजिए कुछ वक्त
पूर्वार्थ
कैसै कह दूं
कैसै कह दूं
Dr fauzia Naseem shad
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
Kumar lalit
*
*"सरहदें पार रहता यार है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरी माटी मेरा देश....
मेरी माटी मेरा देश....
डॉ.सीमा अग्रवाल
सज़ल
सज़ल
Mahendra Narayan
*नीम का पेड़*
*नीम का पेड़*
Radhakishan R. Mundhra
न जाने क्या ज़माना चाहता है
न जाने क्या ज़माना चाहता है
Dr. Alpana Suhasini
मुझको मेरी लत लगी है!!!
मुझको मेरी लत लगी है!!!
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अक्सर लोग सोचते हैं,
अक्सर लोग सोचते हैं,
करन ''केसरा''
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
राम : लघुकथा
राम : लघुकथा
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
💐प्रेम कौतुक-236💐
💐प्रेम कौतुक-236💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ख़यालों में रहते हैं जो साथ मेरे - संदीप ठाकुर
ख़यालों में रहते हैं जो साथ मेरे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
हमेशा गिरगिट माहौल देखकर रंग बदलता है
हमेशा गिरगिट माहौल देखकर रंग बदलता है
शेखर सिंह
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
Arghyadeep Chakraborty
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
मनुष्य तुम हर बार होगे
मनुष्य तुम हर बार होगे
Harish Chandra Pande
एक प्यार ऐसा भी
एक प्यार ऐसा भी
श्याम सिंह बिष्ट
"विश्वास"
Dr. Kishan tandon kranti
नरभक्षी_गिद्ध
नरभक्षी_गिद्ध
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"रिश्ता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...