भूल
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फिर से दुश्मन बौखलाया है , देख शेर को घबराया है
करने लगा निरंतर हमले, आदम भेड़िया बौराया है
यूं तो मेरा ये क्षेत्र नहीं है, लेकिन सुख में कोई नेत्र नहीं है
आरधक भक्तों को मारा, ये तो पड़ोसी मित्र नहीं है
हो जाओ तैयार पाक नापाकी फिर से अम्बर थर्राया है
सिंह शावको को ललकारा है, तुमने मासूमों को मारा है
तो अब हो जाओ तैयार भुगतने, सीमा प्रहरी जयकारा है
हम शक्ति उपासक शांत रहे, तुमने रूद्र जगाया है
हे भरत वंशी शिवा के वंशज, राणा को कैसे भूल गए
जहां चेतक मिसाल वफ़ा की, तुम कागज में तौल गए
आंखे खोलो अब जागो, घाटी में सियार फिर आया है
मूर्ख नहीं भोली जनता है जो, लालच में भरमाई थी
निजी समस्याओं में उलझी, देश हित कहीं भुलाई थी
जाग उठी आज पुनः स्वयं , शक्ति ने पथ को दिखाया है