Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2024 · 1 min read

भूल चुके हैं

शीर्षक – भूल चुके हैं
*********
एकता और संस्कृति भूल चुके हैं।
एक दूसरे से मानवता भूल चुके हैं।
संस्कार और परम्पराओं को भूल चुके है।
आशीर्वाद और बढ़ो का सम्मान भूल चुके हैं।
रिश्ते नाते सच बोलना भूल चुके हैं।
ईश्वर मन भावों को भूल चुके हैं।
सच हम भाई-बहन रिश्ते भूल चुके हैं।
शब्दों के साथ सम्मान हम भूल चुके हैं।
हां सच हमारी कविता हम भूल चुके हैं।
धर्म ग्रंथ वेदों को हम भूल चुके हैं।
आओ हम सोचे हम क्या भूल चुके हैं।
जीवन के सच और सहयोग भूल चुके हैं।
माता-पिता का जन्म देना हम भूल चुके हैं।
सच और सोच हम सभी भूल चुके हैं।
*******************
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
1 Like · 123 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुहब्बत में शायरी का होना तो लाज़मी है जनाब,
मुहब्बत में शायरी का होना तो लाज़मी है जनाब,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विषय : बाढ़
विषय : बाढ़
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
पिता दिवस
पिता दिवस
Neeraj Agarwal
ऐ हवा रुक अभी इंतजार बाकी है ।
ऐ हवा रुक अभी इंतजार बाकी है ।
Phool gufran
यह पतन का दौर है । सामान्य सी बातें भी क्रांतिकारी लगती है ।
यह पतन का दौर है । सामान्य सी बातें भी क्रांतिकारी लगती है ।
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
है तो है
है तो है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
पूछूँगा मैं राम से,
पूछूँगा मैं राम से,
sushil sarna
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कहाॅ॑ है नूर
कहाॅ॑ है नूर
VINOD CHAUHAN
🙅आम चुनाव🙅
🙅आम चुनाव🙅
*प्रणय प्रभात*
*अच्छे बच्चे (बाल कविता)*
*अच्छे बच्चे (बाल कविता)*
Ravi Prakash
फिल्म तो सती-प्रथा,
फिल्म तो सती-प्रथा,
शेखर सिंह
दोहा
दोहा
Neelofar Khan
लिव-इन रिलेशनशिप
लिव-इन रिलेशनशिप
लक्ष्मी सिंह
"तू मीरा दीवानी"
Dr. Kishan tandon kranti
इज़्ज़त पर यूँ आन पड़ी थी
इज़्ज़त पर यूँ आन पड़ी थी
अरशद रसूल बदायूंनी
The thing which is there is not wanted
The thing which is there is not wanted
कवि दीपक बवेजा
दुनिया के मशहूर उद्यमी
दुनिया के मशहूर उद्यमी
Chitra Bisht
ढ़लती हुई
ढ़लती हुई
हिमांशु Kulshrestha
संघर्ष हमेशा खाली पन में ही अक्सर होता है
संघर्ष हमेशा खाली पन में ही अक्सर होता है
पूर्वार्थ
मकर संक्रांति -
मकर संक्रांति -
Raju Gajbhiye
5. इंद्रधनुष
5. इंद्रधनुष
Rajeev Dutta
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
Vijay kumar Pandey
Dr arun kumar शास्त्री
Dr arun kumar शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Confession
Confession
Vedha Singh
अब अपना पराया तेरा मेरा नहीं देखता
अब अपना पराया तेरा मेरा नहीं देखता
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
हार से हार
हार से हार
Dr fauzia Naseem shad
खुदा ने इंसान बनाया
खुदा ने इंसान बनाया
shabina. Naaz
खर्राटा
खर्राटा
Santosh kumar Miri
Loading...