भूख, प्यास , राज
दोहे
हंस/ मराल दोहा
14 गुरु
20लघु
भूख
भूख बहुत संतापिनी, मनुज करे बेहाल।
कांति देह घटती रहे, भीतर उठे सवाल।।
प्यास
करभ दोहा
16 गुरु
16लघु
चकोर प्यासा प्रेम का, रहता चांद निहार।
नहीं कलाधर जानता, कैसा निश्छल प्यार।।
राज
हंस/मराल दोहा
14गुरु 20लघु
मन जीते जग जीत है, करे सभी पर राज।
रोग -शोक छूटे सभी, करता परहित काज ।।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश)