भी होगा
लोट पास मेरे फिर आना भी होगा
हाल-ए जिगर सब समझाना भी होगा
मेरी प्यारे से प्रेमी बन जाओ तो
कजरारी आँख में बिठाना भी होगा
ब्याह किया है जब तुम ने मुझसे तो अब
सात वचन से साथ निभाना भी होगा
घर की हर लोक रीति का कर के पालन
सब लोगों को खुश अब रखना भी होगा
पटरानी हो मेरे मनमंदिर की तुम
लोगों का मान अभी रखना भी होगा
प्यार बहुत करता हूँ दिल भी दिया तुझे
देखो क्या मुझ सा दीवाना भी होगा
काजल बन सजते हो आँखों में हर दिन
पास बैठ तेरा नजराना भी होगा
हर काम को जरा ढंग से करना सीखो
काम किसी पर अब इतराना भी होगा
भोजन न बनाना घर पर खाने को तुम
संग चल कर होटल में खाना भी होगा
बैठ करो सब लोग यहाँ इन्तजार अब
पहले भोग बड़ों का अभी लगाना होगा
रात हो रही है काली काली सी अब
लोरी गा कर आज सुलाना भी होगा