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29 Mar 2021 · 2 min read

भीमराव बाबा साहब

संविधान दिवस के अवसर पर सभी भारत वासियों को ढेर सारी बधाइयाँ…..

भीमराव बाबा साहब ने, देश को संविधान दिया।
आन बान व शान से जीवन, जीने को अभिमान दिया।।

पहला मन्त्र दिया बाबा ने संग संग में काम करो।
छोड़ोगे मनभेदों को ही तब ही जग में नाम करो।
थोडा बहुत फासला होगा सबका सबके चिन्तन से।
तू तू मैं मैं खींचातानी का हल खोजो मंथन से।।
जुबां दे दिया हर गूंगे को हर बहरे को कान दिया।
भीमराव बाबा साहब ने, देश को संविधान दिया।1।

अपने अधिकारों को जानो पाने को संघर्ष करो।
क़ुरबानी जो चाहे करनी भी हो तो सहर्ष करो।।
जिस दिन भी जागे जागा सौभाग्य जगत की रीत है।
डर को डरा डरा कर बोलो डर के आगे जीत है।
जीवन जीने को रोटी दी कपड़ा और मकान दिया।
भीमराव बाबा साहब ने, देश को संविधान दिया।2।

मन्त्र तीसरा भीमा का है गीत ज्ञान के गाये जा।
शिक्षा दूध शेरनी का है पी पी कर गुर्राए जा।।
पढ़ लो लिखलो पा सकते हो सब कुछ पुस्तक कापी से।
जंग लगा ताला भी खोलो ज्ञानपुन्ज की चाबी से।।
सत्य तथ्य को किया उजागर सत्यभान का ज्ञान दिया।
भीमराव बाबा साहब ने, देश को संविधान दिया।3।

लोकतंत्र में लोगों को ही सबसे बढकर मन्त्र कहा।
जनता का जनता के खातिर जनता द्वारा तन्त्र कहा।।
अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ों का भी रक्षण हो।
अगडे पिछड़े की खाई को भरने को आरक्षण हो।।
सबको सबका हक मिल जाये ऐसा विधि विधान दिया।
भीमराव बाबा साहब ने, देश को संविधान दिया।4।

सघन यातना और पीड़ा ने भीमराव को बड़ा किया।
छिने हुए अधिकारों को पाने के खातिर खड़ा किया।।
अनाचार अन्याय मिटाने आजीवन संकल्प लिया।
आने वाली पीढ़ी को जीने का नया विकल्प दिया।।
समता समरसता का नायक बनकर नया विहान दिया।
भीमराव बाबा साहब ने, देश को संविधान दिया।5।

विषमजाल को चीरफाड़ कर नवयुग का आरम्भ किया।
चूर चूर दर्पण दिखलाकर अभिमानी का दम्भ किया।।
स्वार्थसिध्द करने वाले जो दूषित मन को जान लिया।
सावधान! कह कर के उनके मन्तव्यों की जान लिया।।
भरी दोपहरी अंधकार के पाखंड को पहचान दिया।
भीमराव बाबा साहब ने, देश को संविधान दिया।6।

दर्शन से जिनके ग्रन्थों के पीढ़ी भी सुख पाती है।
वाणी जिनकी भटके जनमानस को राह बताती है।।
चरण आचरण के कारण ही जग में पूजे जाते है।
वन्दन अभिनन्दन जन जन से मन से महिमा पाते है।।
जिनकी दीया और बाती ने रोशन “सरल” जहान दिया।
भीमराव बाबा साहब ने, देश को संविधान दिया।7।

-साहेबलाल दशरिये ‘सरल’
8989800500

Language: Hindi
1 Comment · 404 Views
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