Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2022 · 1 min read

भीतर के गद्दार हैं (गीत)

भीतर के गद्दार हैं (गीत)
**************
खतरनाक बाहर से ज्यादा भीतर के गद्दार हैं
(1)
बाहर का दुश्मन है सबका ही जाना पहचाना
रखो ठीक बन्दूक साध कर उसकी तरफ
निशाना
पर यह भी देखो दुश्मन के लंबे कितने हाथ
हैं
कितने अगर-मगर जो करते दिल से उसके
साथ हैं
छिपे हुए अपने लोगों में ही दुश्मन के यार हैं
खतरनाक बाहर से ज्यादा भीतर के गद्दार हैं
(2)
यह ही हैं वे लोग शत्रु से जिनके तार जुड़े हैं
तरफदारियों के स्वर इनके उसकी ओर मुड़े
हैं
इन्हें रास कब आता आतंकी को मार गिराना
छिपी हुई इनकी इच्छा है भारत को हरवाना
भारत की बंदूकों को यह कहते अत्याचार हैं
खतरनाक बाहर से ज्यादा भीतर के गद्दार हैं
(3)
इन्हें बतानी ही होंगी भारत की दृढ़ इच्छाएँ
राष्ट्रवाद को लेकर भ्रम में कहीं न पड़ने पाएँ
बहुत हुआ अब लचर नीतियों का ढोना- ढुलवाना
देश – विरोधी हमदर्दों को होगी गोली खाना
अल्टीमेटम दो सेनाएँ लड़ने को तैयार हैं
खतरनाक बाहर से ज्यादा भीतर के गद्दार हैं
**********************************
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा,रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451

350 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
"सुबह की चाय"
Pushpraj Anant
*होली*
*होली*
Dr. Priya Gupta
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
Taj Mohammad
***
*** " तुम आंखें बंद कर लेना.....!!! " ***
VEDANTA PATEL
संस्कारधर्मी न्याय तुला पर
संस्कारधर्मी न्याय तुला पर
Dr MusafiR BaithA
3179.*पूर्णिका*
3179.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मां बेटी
मां बेटी
Neeraj Agarwal
सम्बन्धों  में   हार  का, अपना  ही   आनंद
सम्बन्धों में हार का, अपना ही आनंद
Dr Archana Gupta
कौसानी की सैर
कौसानी की सैर
नवीन जोशी 'नवल'
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दरवाज़े
दरवाज़े
Bodhisatva kastooriya
अबस ही डर रहा था अब तलक मैं
अबस ही डर रहा था अब तलक मैं
Neeraj Naveed
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
सोच कर हमने
सोच कर हमने
Dr fauzia Naseem shad
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
विदाई
विदाई
Aman Sinha
राशिफल
राशिफल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मिले हम तुझसे
मिले हम तुझसे
Seema gupta,Alwar
শহরের মেঘ শহরেই মরে যায়
শহরের মেঘ শহরেই মরে যায়
Rejaul Karim
"दो नावों पर"
Dr. Kishan tandon kranti
शहीद दिवस पर शहीदों को सत सत नमन 🙏🙏🙏
शहीद दिवस पर शहीदों को सत सत नमन 🙏🙏🙏
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
#संवाद (#नेपाली_लघुकथा)
#संवाद (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"कुछ जगह ऐसी होती हैं
*Author प्रणय प्रभात*
जग की आद्या शक्ति हे ,माता तुम्हें प्रणाम( कुंडलिया )
जग की आद्या शक्ति हे ,माता तुम्हें प्रणाम( कुंडलिया )
Ravi Prakash
नववर्ष नवशुभकामनाएं
नववर्ष नवशुभकामनाएं
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
जब तक प्रश्न को तुम ठीक से समझ नहीं पाओगे तब तक तुम्हारी बुद
जब तक प्रश्न को तुम ठीक से समझ नहीं पाओगे तब तक तुम्हारी बुद
Rj Anand Prajapati
चैन से जिंदगी
चैन से जिंदगी
Basant Bhagawan Roy
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कोई जिंदगी भर के लिए यूं ही सफर में रहा
कोई जिंदगी भर के लिए यूं ही सफर में रहा
कवि दीपक बवेजा
नहीं हम हैं वैसे, जो कि तरसे तुमको
नहीं हम हैं वैसे, जो कि तरसे तुमको
gurudeenverma198
Loading...