Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2024 · 1 min read

भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,

भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
आप हमको तलाश मत करना।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

1 Like · 14 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
मुझे ढूंढते ढूंढते थक गई है तन्हाइयां मेरी,
मुझे ढूंढते ढूंढते थक गई है तन्हाइयां मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बारिश में नहा कर
बारिश में नहा कर
A🇨🇭maanush
ग्रीष्म ऋतु --
ग्रीष्म ऋतु --
Seema Garg
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
Sarfaraz Ahmed Aasee
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
Neeraj Agarwal
हौसला कभी टूटने नहीं देना , फ़तह  हौसलों से होती है , तलवारो
हौसला कभी टूटने नहीं देना , फ़तह हौसलों से होती है , तलवारो
Neelofar Khan
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
VEDANTA PATEL
मुझे साहित्य का ज्यादा ज्ञान नहीं है। न ही साहित्य मेरा विषय
मुझे साहित्य का ज्यादा ज्ञान नहीं है। न ही साहित्य मेरा विषय
Sonam Puneet Dubey
"कामयाबी"
Dr. Kishan tandon kranti
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ख़ुद की हस्ती मिटा कर ,
ख़ुद की हस्ती मिटा कर ,
ओसमणी साहू 'ओश'
करते हो क्यों प्यार अब हमसे तुम
करते हो क्यों प्यार अब हमसे तुम
gurudeenverma198
नारी शक्ति का सम्मान🙏🙏
नारी शक्ति का सम्मान🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
*चले जब देश में अनगिन, लिए चरखा पहन खादी (मुक्तक)*
*चले जब देश में अनगिन, लिए चरखा पहन खादी (मुक्तक)*
Ravi Prakash
एकांत चाहिए
एकांत चाहिए
भरत कुमार सोलंकी
चाहिए
चाहिए
Punam Pande
क्या छिपा रहे हो
क्या छिपा रहे हो
Ritu Asooja
आ गया मौसम सुहाना
आ गया मौसम सुहाना
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
Someone Special
Someone Special
Ram Babu Mandal
मारे गए सब
मारे गए सब "माफिया" थे।
*प्रणय प्रभात*
राजनीति में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या मूर्खता है
राजनीति में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या मूर्खता है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मेरी फितरत तो देख
मेरी फितरत तो देख
VINOD CHAUHAN
चलो♥️
चलो♥️
Srishty Bansal
3509.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3509.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
एक तूही दयावान
एक तूही दयावान
Basant Bhagawan Roy
Be careful who you build with,
Be careful who you build with,
पूर्वार्थ
कर दो मेरे शहर का नाम
कर दो मेरे शहर का नाम "कल्पनाथ"
Anand Kumar
जब तक प्रश्न को तुम ठीक से समझ नहीं पाओगे तब तक तुम्हारी बुद
जब तक प्रश्न को तुम ठीक से समझ नहीं पाओगे तब तक तुम्हारी बुद
Rj Anand Prajapati
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...