Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jun 2021 · 1 min read

भीग रहा है मनोजलज !

इन्द्र धनुष से रंग झरे , रे बादल के बारात में !
भीग रहा है मनोजलज ! हरख हरख बरसात में !

हरित मनोहर मोहक तंतु , जाल हिलाता सावन,
मीठा मत्त मधुर सा रस, रिसता सरस लुभावन,
हंस- हंसिनी पीते मधु को , गीले गुलाब -पात में !
भीग रहा है मनोजलज ! हरख हरख बरसात में !

तेरी मीठी बातें चखकर, अधरों को लगती है प्यास !
जैसे कोई खाकर मीठा, जल पीने की करता आस।
आर्द्र हँसी चू जाती है, प्यासे कमलों के गात में !
भीग रहा है मनो जलज ! हरख हरख बरसात में !

तेरी सतरंगी चुनरी से, रंग जाती है फिजा़ रंगीली,
मदिरालय जाता नहीं पर, देख तेरी आँखें नशीली,
बार -बार लेता हूँ थाम, प्याला अपने हाथ में !
भीग रहा है मनोजलज ! हरख हरख बरसात में !

जुल्फ घनी सी गोरे मुख पर , उड़के हवा से हिलती,
गंगा में ज्यों श्यामल जमुना , लहर लहर के मिलती।
नहा लिया संगम में जैसे , लहरों के आघात में !
भीग रहा है मनो जलज ! हरख हरख बरसात में !

चाँद को लखती सजती है, शाम सघन-सिन्दूरी,
दीप शिखा से पतंग की, खत्म हुई चिर दूरी।
जोह रही भँवरे की बाट, रातरानी खिल रात में !
भीग रहा है मनो जलज ! हरख हरख बरसात में !

ऐसा लगता है मेरे संग, तेरे इंतजार में शामिल,
वृक्ष लता है, पर्वत नदियाँ, मृदु झील का साहिल !
बैठा चातक चन्द्र विमुख, चितवत ‘चन्दन’ साथ में,
भीग रहा है मनो जलज ! हरख हरख बरसात में !

रचनाकार – चन्दन कुमार ‘मानवधर्मी’
(आजमगढ़, उ प्र। )

4 Likes · 14 Comments · 670 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कहते- कहते रह गया,
कहते- कहते रह गया,
sushil sarna
किसी को टूट कर चाहना
किसी को टूट कर चाहना
Chitra Bisht
कब तक चाहोगे?
कब तक चाहोगे?
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*स्वच्छ गली-घर रखना सीखो (बाल कविता)*
*स्वच्छ गली-घर रखना सीखो (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कोशिशें हाथ
कोशिशें हाथ
Dr fauzia Naseem shad
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
VINOD CHAUHAN
मुरझाए चेहरे फिर खिलेंगे, तू वक्त तो दे उसे
मुरझाए चेहरे फिर खिलेंगे, तू वक्त तो दे उसे
Chandra Kanta Shaw
माँ जब भी दुआएं देती है
माँ जब भी दुआएं देती है
Bhupendra Rawat
"जोड़ो"
Dr. Kishan tandon kranti
खोज करो तुम मन के अंदर
खोज करो तुम मन के अंदर
Buddha Prakash
Anxiety fucking sucks.
Anxiety fucking sucks.
पूर्वार्थ
युवा शक्ति
युवा शक्ति
संजय कुमार संजू
ज्योत्सना
ज्योत्सना
Kavita Chouhan
🙅रुझान🙅
🙅रुझान🙅
*प्रणय*
बैठ सम्मुख शीशे के, सखी आज ऐसा श्रृंगार करो...
बैठ सम्मुख शीशे के, सखी आज ऐसा श्रृंगार करो...
Niharika Verma
रुसवा दिल
रुसवा दिल
Akash Yadav
देखिए
देखिए "औरत चाहना" और "औरत को चाहना"
शेखर सिंह
यूं टूट कर बिखरी पड़ी थी तन्हाईयां मेरी,
यूं टूट कर बिखरी पड़ी थी तन्हाईयां मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
Suryakant Dwivedi
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
gurudeenverma198
भगवत गीता जयंती
भगवत गीता जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बचपन और गांव
बचपन और गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दुम
दुम
Rajesh
दिल्लगी
दिल्लगी
Dipak Kumar "Girja"
मेरे सपने
मेरे सपने
Saraswati Bajpai
4041.💐 *पूर्णिका* 💐
4041.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
घर
घर
Dheerja Sharma
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हिलोरे लेता है
हिलोरे लेता है
हिमांशु Kulshrestha
Loading...